बागेश्वर धाम सरकार का विवादित बयान सुर्खियों में
हाल ही में एक धार्मिक विवाद ने लोगों का ध्यान खींचा है, जब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा धीरेन्द्र शास्त्री ने उत्तर प्रदेश के एक स्वयंभू बाबा जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर तीखा बयान दे दिया। बाबा बागेश्वर के इस बयान से न केवल धर्मप्रेमी समुदाय चौंक गया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।
कौन हैं बाबा बागेश्वर?
बाबा बागेश्वर, जिन्हें धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नाम से जाना जाता है, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं। वे अपनी दिव्य दरबार, चमत्कारिक कथाओं और हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए दिए गए बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। बाबा का दावा है कि वे "ईश्वरीय शक्ति" से पीड़ितों की समस्याएं हल करते हैं और उन्हें सही मार्ग दिखाते हैं।
कौन हैं छांगुर बाबा?
छांगुर बाबा, जिनका असली नाम जमालुद्दीन बताया जाता है, उत्तर प्रदेश के एक गांव से ताल्लुक रखते हैं। वे खुद को "चमत्कारी बाबा" के रूप में प्रचारित करते हैं और उनके अनुयायियों का दावा है कि उनके पास विशेष आध्यात्मिक शक्तियाँ हैं। हालांकि, उनके ऊपर पहले भी फर्जीवाड़े, अंधविश्वास फैलाने और अजीबोगरीब दावों के आरोप लग चुके हैं।
बाबा बागेश्वर का बयान
एक हालिया कथा आयोजन के दौरान जब मीडिया ने बाबा बागेश्वर से छांगुर बाबा पर सवाल पूछा, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा:
"किसी ऐसे आदमी को बाबा कहना ही धर्म का अपमान है, जो खुद अपने कर्मों से धर्म की मर्यादा को लांघता हो। धर्म का मज़ाक उड़ाने वालों को समाज को बेनकाब करना चाहिए।"
यह बयान देते वक्त बाबा बागेश्वर का चेहरा गुस्से में था और उन्होंने सीधे तौर पर छांगुर बाबा की गतिविधियों को "ढोंग" करार दिया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
बाबा बागेश्वर के इस बयान के बाद ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ लोगों ने बाबा बागेश्वर की इस "साफगोई" की सराहना की, वहीं कुछ यूजर्स ने कहा कि धर्मगुरुओं को आपसी झगड़ों से बचना चाहिए।
एक ट्विटर यूजर ने लिखा:
"बाबा बागेश्वर ने जो कहा, वह सही है। ढोंगी बाबाओं को पहचानना अब जरूरी है।"
वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा:
"बाबाओं को एक-दूसरे पर आरोप लगाने के बजाय, समाज को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।"
क्या कहती है कानून व्यवस्था?
भारत में धर्म और आस्था से जुड़े मामलों को लेकर सरकार और प्रशासन भी काफी सतर्क रहते हैं। छांगुर बाबा पर पहले भी कुछ स्थानीय स्तर पर शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें अंधविश्वास फैलाने और महिलाओं को गलत तरीके से प्रभावित करने जैसे आरोप शामिल हैं।
बाबा बागेश्वर द्वारा सार्वजनिक मंच से छांगुर बाबा के खिलाफ यह बयान देना, निश्चित ही उनके अनुयायियों के लिए एक बड़ा संदेश है कि धर्म को अंधभक्ति से अलग करके समझना चाहिए।
निष्कर्ष
भारत में संतों और बाबाओं की भूमिका समाज में बेहद महत्वपूर्ण रही है। लेकिन कुछ कथित संतों की गतिविधियों ने आम जनता का विश्वास डगमगाया है। ऐसे में जब कोई जिम्मेदार धार्मिक व्यक्ति, जैसे बाबा बागेश्वर, सामने आकर गलत को गलत कहता है, तो यह समाज को एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकता है।
छांगुर बाबा के ऊपर बाबा बागेश्वर का यह बयान न केवल एक चेतावनी है, बल्कि उन सभी के लिए भी संकेत है जो धर्म के नाम पर अंधभक्ति फैला रहे हैं। धर्म का अर्थ केवल चमत्कार नहीं, बल्कि सच्चाई, ईमानदारी और सेवा है — यही संदेश इस घटना से मिलता है।

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